बागपत लोकसभा सीट: मुस्लिम मतदाताओं के रूख पर टिकी प्रत्याशियों की नजर

Election 2024 (Deepak Sain) : बागपत लोकसभा सीट पर इस बार किसी भी दल के लिए जीत इतनी आसान नहीं होने वाली। इस सीट से सभी बड़े दलों ने मतदाताओं के जातीय समीकरण को बैठाते हुए अपने-अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। जिसके चलते इस लोकसभा चुनाव में बागपत सीट से चुनावी मुकाबला रोचक और कांटे की टक्कर का हो चला है। ऐसे में चुनावी मैदान में खड़े सभी प्रत्याशियों की नजर मुस्लिम मतदाताओं के रूख पर भी बनी हुई है। माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में मौजूद मुस्लिम मतदाताओं का रूख किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत में काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।
बागपत संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की पांच सीटें शामिल हैं। जिनमें बागपत, बड़ौत, छपरौली, सिवालखास व मोदीनगर विधानसभा आती है। इस लोकसभा सीट से 15 लाख से अधिक मतदाता हैं। बात अगर जातिगत हो तो इस सीट पर जाट, गुर्जर, त्यागी, राजपूत, मुस्लिम, दलित और ब्राहमण मतदाताओं का प्रभाव रहा है।
जातीय समीकरण को बैठाते हुए प्रत्याशियों को उतारा गया है मैदान में :
रालोद ने इस बार एनडीए प्रत्याशी के रूप में यहां से डाॅ राजकुमार सांगवान को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस-सपा गंठबंधन की ओर से पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा एवं बसपा ने प्रवीण बैंसला को टिकट देते हुए मैदान में उतारा है।
मुस्लिम मतदाताओं के रूख पर प्रत्याशियों की नजर :
एक अनुमान के अनुसार बागपत संसदीय क्षेत्र में करीब साढे चार लाख मुस्लिम मतदाता हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान सभी प्रत्याशियों की नजर मुस्लिम मतदाताओं के रूख पर टिकी हुई है। सभी दल अपने-अपने स्तर पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में लगे हुए हैं।
मुस्लिम मतदाताओं का रूख माना जा रहा है काफी महत्वपूर्ण :
चर्चा है कि इस बार मुस्लिम मतदाताओं का रूख बागपत लोकसभा सीट की हार-जीत में काफी महत्वपूर्ण हो गया है। बुद्धिजीवियों ने मुस्लिम मतदाताओं के बंटवारें और एकजुटता को लेकर आंकड़े लगाने शुरू कर दिए हैं। माना जा रहा है कि मुस्लिम मतदाताओं का बंट जाना या फिर एकतरफा हो जाना किसी भी प्रत्याशी के चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकता है।

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