घर में घुसे तेंदुए को घंटों रिस्क्यू के बाद ट्रैंकुलाइज कर किया पिंजरे में बंद

Meerut News : मेरठ की कसेरूखेड़ा स्थित ऊंचा मौहल्ला में शनिवार को एक तेंदुआ घरों की छत से होते हुए एक मकान के बरामदे में जा छिपा। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद रेस्क्यू करते हुए तेंदुए को ट्रंकुलाइज करते हुए पिंजरे में बंद किया। इस दौरान मकान में रह रहे लोग दहशत के चलते कमरें में कैद होकर रह गए, जबकि अंगद नाम का एक युवक तेंदुए का पंजा लगने से घायल हो गया। जिसको उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि शनिवार सुबह कसेरूखेड़ा के ऊंचा मौहल्ला में वाल्मीकि मंदिर के पास एक तेंदुए को देखा गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने तेंदुए को घरों की छत से होकर जाते हुए देखा। लोगों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस व विभाग को दी। वहीं दूसरी ओर तंदुआ देखे जाने की सूचना पर लोगों की भीड़ लाठी-डंडे लेकर गलियों व मकान की छतों पर पहुंच गए।
छत से होते हुए मकान के बरामदे में जा छिपा तेंदुआ :
कुछ देर बाद तेंदुआ मकान की छतों से होते हुए स्थानीय निवासी निरंजन के मकान के बरामदे में कूद गया। उस मकान में ललित, प्रेम व अशोक अपने-अपने परिवार के साथ किराए पर रहते हैं। बरामदे में आ जाने के बाद तेंदुआ वहां खड़ी कार के पीछे जा छिपा।
तेंदुए के खौफ से दहशत में आया ललित का परिवार हुआ कमरे में कैद :
तेंदुए के बरामदे में कार के पीछे छिप जाने के बाद वहां रहने वाले अन्य लोग तो समय रहते किसी तरह बाहर निकल गए, लेकिन ललित व उनका परिवार कमरें में बंद होकर रह गया। पूरा परिवार तेंदुए के खौफ से दहशत में था।
दूसरे मकान की तरफ से दीवार तोड़कर परिवार को निकाला गया सुरक्षित बाहर :
ललित का परिवार तेंदुए की वजह से कमरे में बंद था। जिसके बाद आसपास रहने वाले लोगों ने पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति के मकान से छेनी व हथौड़े की मदद से दीवार को तोड़कर छेद किया। करीब पांच घंटों की मशक्कत के बाद लोगों ने ललित व उसके परिजनों को बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
तेंदुए को ट्रंकुलाइज करने के लिए वन विभाग की टीम ने की घंटों मशक्कत :
कार के पीछे छिपे तेंदुए को ट्रंकुलाइज करने के लिए वन विभाग की टीम को घंटों की मशक्कत करनी पड़ी। कार के पीछे छिपे तेंदुए को बाहर निकालने के लिए वन विभाग की टीम ने पटाखे फोड़े, पानी की बौछार की और मुर्गे का भी लालच दिया, लेकिन तेंदुआ कार के पीछे से बाहर नहीं आया।
शाम के वक्त मिली कामयाबी :
मौके पर जाल लगाने के बाद डाॅ आरके सिंह और वन्य जीव रक्षक कमलेश ट्रंकुलाइज गन लिए निशाना साधे खड़े थे। शाम करीब सवा छह बजे कार के पीछे छिपे तेंदुए ने गुर्राहट के बाद चहल-कदमी शुरू की और बाहर आया। जिसके बाद ही तेंदुए को ट्रंकुलाइज किया जा सका और वह इंजेक्शन के प्रभाव से निढ़ाल हो गया।
अधिकारी कथन :
ट्रंकुलाइज किए जाने के बाद तेंदुए को पिंजरे में बंद किया गया है। रेस्क्यू किया गया तेंदुआ नर है और उसकी उम्र करीब चार साल है। तेंदुआ पूरी तरह स्वस्थ है। जिसको शिवालिक के जंगल में छोड़ा जाएगा।
राजेश कुमार, डीएफओ मेरठ।

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