Ghaziabad (Deepak Sain) : शुक्रवार सुबह आये भूकम्प के बाद मोदीनगर तहसील परिसर में काम कर रहे 17 कर्मचारी मलबे में दब गए। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से राहत और बचाव अभियान चलाया। बचाव दल ने मलबे में दबे 17 लोगों को बाहर निकाला, जिनमें दो लोगों की मौत हो गई। जबकि 5 लोगों को गम्भीर हालत में हायर सेन्टर के लिए रेफर कर दिया। यह सब नजारा तहसील परिसर में शुक्रवार सुबह हुई मॉक ड्रील के दौरान देखने को मिला।
तहसील परिसर में हुई मॉक ड्रील में रेस्क्यू टीम ने सम्भाला मोर्चा :
शुक्रवार सुबह तहसील मोदीनगर में की गई मॉक ड्रील में भूकम्प जैसी आई आपदा में लोगों को बचाने के लिए मोर्चा सम्भाला गया। इस दौरान सिविल डिफेंस गाजियाबाद की टीम व एन0सी0सी0 कैडेट्स के अलावा, एस0डी0आर0एफ0, अग्निश्मन टीम, स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग के साथ-साथ पुलिस व प्रशासन की टीम राहत कार्य में जुट गई। एस0डी0आर0एफ0 टीम ने सिविल डिफेंस टीम और एन0सी0सी0 कैडेट्स के साथ मिलकर भूकम्प के बाद मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान चलाया।
बचाव टीम ने 2 घण्टों की मश्क्कत के बाद मलबे में दबे 17 लोगों को निकाला बाहर :
मॉक ड्रील के दौरान राहत और बचाव अभियान में लगी रेस्क्यू टीम ने 2 घण्टों की कड़ी मश्क्कत के बाद मलबे में दबे सभी 17 लोगों को बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की। इस दौरान 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य 15 घायलों को एंबूलेंस की मदद से उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने 5 लोगों को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया।
मॉक ड्रील का उद्देश्य आपदा के समय लोगों को जागरूक बनाना :
शुक्रवार सुबह मोदीनगर तहसील परिसार में हुई मॉक ड्रील के दौरान उपजिलाधिकारी अजीत सिंह और एसीपी मोदीनगर अमित सक्सेना ने बताया कि मॉक ड्रील किए जाने का उद्देश्य पुलिस व प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक बनाना था। जिससे आपदा के समय लोगों को बचाव और जान बचाने के उपायों की जानकारी मिल सकें।